Dr. Jitendra Pratap Rao.
Chairman/Manager
प्रबंधक की कलम से ................
देवरिया जनपद का इतिहास बड़ा ही गौरवशाली रहा है I भगवान् बुद्ध की निर्वाण स्थली और महावीर की कर्मस्थली होने का गौरव भी इस धरती को प्राप्त है I
देवारिया अपने स्थापना वर्ष 2007 में 150 छात्रों को लेकर शुरू की गयी I तभी से ही यह पौधशाला की एक विशाल वटवृक्ष का रूप धारण कर लिया है I यह एक आश्चर्य का विषय है I हमें अपने कर्म और उद्देश्य की पवित्रता पर पूर्ण विश्वास है तथा इस क्षेत्र के वासियों के सहयोग और अपने विश्वास के बल पर यह संस्था शिक्षा प्रसाद के पुनीत कार्य में जुटी हुई है I इस महाविद्यालय की छात्राओं ने विगत वर्षों में 100% परीक्षाफल देकर और उच्चतर स्थान प्राप्त कर महाविद्यालय एवं परिवार का मान बढ़ाया है I
आज आवश्यकता इस बात की है कि सूचना को ज्ञान में, ज्ञान के संवेदना में, रूपान्तरित किया जाय I आज उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने की आवश्यकता है जिससे छात्राओं की एक और भौतिक आवश्यकताएं पूरी हो साथ ही उनमे इंसानियत का भी विकास हो I हम संकलिप्त है इस महाविद्यालय में ऐसी शिक्षा देने के लिए जिससे छात्राओं के व्यक्तिगत अनुशासन और चरित्र का निर्माण हो I हमारा यह प्रयास है कि हमारे महाविद्यालय में दी जाने वाली शिक्षा ऐसी हो जिससे चतुर्दिक विकास के साथ छात्राओं के भविष्य को उज्जवल बनाया जा साके I हमारे विद्यार्थी और अध्यापक एक नई कल्पनाशीलता के साथ इस बदलाव की दिशा में प्रयत्न कर रहे है जिससे भी हम वैश्विक परिदृश्य पर अपनी मौलिक उपस्थिति दर्ज करा सके I
हम क्षेत्र के लोगों, विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को यह संदेश देना चाहते है कि हमारा महाविद्यालय अनेक क्षेत्रो में प्रशंसनीय प्रगति किया है पर हमारी संकल्पना इससे बेहतर करने की है I हम चाहते है कि हमारे क्षेत्र की गरीब छात्रा जो पढ़ने के इच्छुक हो लेकिन धन के अभाव में शिक्षा से वंचित हो रही है उन्हें हम निःशुल्क शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है I
किसी ने ठीक ही कहा है कि जब व्यक्ति आत्मविश्वास से लवरेज होता है तो स्वतः उसमे अंतःकरण से यह भाव निकल पड़ता है कि –
लक्ष्य प्रेरित वरण हूँ मै , ठहरने का काम कैसा I
लक्ष्य तक पहुँचे बिना, पथ के पथिक विश्राम कैसा II
हम अपने महाविद्यालय की छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए आशा करता हूँ कि वे जीवन में अच्छे नागरिक बनेगी एवं अपने प्रगति के साथ – साथ देश और समाज की समृद्धि के लिए सदैव तत्पर रहेगी I
फूलें फले जो, आए यहाँ I
कुछ करके दिखाएँ वे जाएँ जहाँ I